PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana (PMSGMBY)
शुभारंभ – 13 फरवरी, 2024 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा
उद्देश्य – छत पर सौर पैनल लगाने की सुविधा देकर घरों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना।
13 फरवरी, 2025 को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PMSGMBY) अपनी पहली वर्षगांठ मना रही है। यह योजना अपने उद्देश्य के अनुरूप किफायती सौर ऊर्जा के माध्यम से घरों को सशक्त बनाने और स्थायी भविष्य के लिए भारत के परिवर्तन को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।
The PMSGMBY, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर पहल है, जो मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने के साहसिक दृष्टिकोण के साथ भारत के ऊर्जा परिदृश्य को नया आकार दे रही है।
जनवरी, 2025 तक, इस योजना से छत पर सौर ऊर्जा लगाने के माध्यम से 8.46 लाख परिवारों को लाभ मिल चुका है। सौर ऊर्जा को तेजी से अपनाए जाने का प्रमाण मासिक इंस्टॉलेशन दरों में दस गुना वृद्धि से मिलता है, जो अब लगभग 70,000 इंस्टॉलेशन प्रति माह है।
Top 5 states : पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लाभान्वित होने वाले सबसे अधिक परिवारों वाले शीर्ष 5 राज्य गुजरात (Gujarat), महाराष्ट्र (Maharashtra), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), केरल (Kerala) और राजस्थान (Rajasthan) हैं।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभ
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने से सरकार को बिजली खर्च में सालाना ₹75,000 करोड़ की बचत होने की उम्मीद है। यह पहल अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) को अपनाने को प्रोत्साहित करने के साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करती है और देश की कार्बन फुटप्रिंट (Carbon Footprint) को कम करने की प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
सब्सिडी विवरण (Subsidy Details)
इस योजना में 40% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे अक्षय ऊर्जा अधिक किफायती और सुलभ हो जाती है। अब तक 5.54 लाख आवासीय उपभोक्ताओं को केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) के रूप में 4308.66 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं, जिसमें प्रति घर औसतन 77800 रुपये की सब्सिडी दी गई है। इसके अतिरिक्त, अनुमानित 45% लाभार्थियों को अब शून्य बिजली बिल मिल रहे हैं, जो उनके सौर ऊर्जा उत्पादन और खपत पैटर्न पर निर्भर करता है।
आवेदन एवं चयन – परिवार राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं, जहाँ वे छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए उपयुक्त विक्रेता का चयन भी कर सकते हैं। राष्ट्रीय पोर्टल उचित सिस्टम आकार, लाभ कैलकुलेटर, विक्रेता रेटिंग और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में जानकारी प्रदान करके निर्णय लेने में सहायता करेगा। राष्ट्रीय पोर्टल पर सभी क्रेडेंशियल सही ढंग से दर्ज किए जाने के साथ, उपभोक्ता द्वारा किए गए मोचन अनुरोध के बाद CFA को संसाधित करने में लगने वाला औसत समय लगभग 15 दिन है।
आदर्श सौर ग्राम (Model Solar Village)
योजना के “आदर्श सौर ग्राम” घटक के अंतर्गत, पूरे भारत में प्रति जिले एक आदर्श सौर ग्राम स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है। इस घटक के लिए ₹800 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिसमें प्रत्येक चयनित आदर्श सौर ग्राम को ₹1 करोड़ प्रदान किए गए हैं।
उम्मीदवार गांव के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए, यह 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों में 2,000) से अधिक आबादी वाला राजस्व गांव होना चाहिए। गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा पहचाने जाने के छह महीने बाद उनकी समग्र वितरित अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।
प्रत्येक जिले में सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले गांव को ₹1 करोड़ का केंद्रीय वित्तीय सहायता अनुदान मिलेगा। डीएलसी की देखरेख में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी कार्यान्वयन की देखरेख करेगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि ये मॉडल गांव सफलतापूर्वक सौर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाएं और देश भर में अन्य लोगों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करें।
See also
References
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