छत्तीसगढ़ ऊर्जा निवेशक सम्मेलन 2025 में ₹ 3 लाख करोड़ का निवेश | CG Energy Summit 2025


Chhattisgarh Energy Investors Summit 2025

छत्तीसगढ़ को ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ ऊर्जा निवेशक सम्मेलन 2025 में छत्तीसगढ़ ने ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं के माध्यम से 3,01,086 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया। ये निवेश सुझाव परमाणु, तापीय, सौर और पंप भंडारण परियोजनाओं सहित ऊर्जा बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए राज्य की योजनाओं का हिस्सा थे, जिससे उद्योगों और आम जनता दोनों को सस्ती, विश्वसनीय बिजली का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि “छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए ऊर्जा हब के रूप में भी खुद को स्थापित करे।”

CG Energy Summit 2025
Fig. – CG Energy Summit 2025

प्रमुख निवेश और योजनाएँ (Investments)

  • परमाणु ऊर्जा (Nuclear power): स्वच्छ और कुशल बिजली उत्पादन के लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश।
  • थर्मल पावर (Thermal power): राज्य की थर्मल पावर क्षमता को मजबूत करने के लिए ₹1,07,840 करोड़।
  • सौर ऊर्जा (Solar power): सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़।
  • पीएम कुसुम योजना (PM KUSUM Yojana): किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,100 करोड़।
  • पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (PSP): ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में ₹57,046 करोड़।
  • क्रेडा सोलर इनिशिएटिव (CREDA): सौर ऊर्जा विस्तार के लिए ₹3,200 करोड़।
  • पीएम सूर्या योजना (PM Surya Yojana): राष्ट्रीय सौर रूफटॉप परियोजना के तहत ₹6,000 करोड़।
  • सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा (Solar power in gov buildings): सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए ₹2,500 करोड़।
  • बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए ₹2,600 करोड़।
  • विद्युत पारेषण नेटवर्क (Power Transmission Network): विद्युत पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए ₹17,000 करोड़।
  • वितरण क्षेत्र योजना (RDSS): वितरण अवसंरचना में सुधार के लिए ₹10,800 करोड़।
अडानी, जिंदल और NTPC जैसी कंपनियों ने थर्मल, परमाणु और नदी आधारित बिजली उत्पादन के लिए निवेश की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ में पहले से ही 30,000 MW बिजली का उत्पादन हो रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं ज़्यादा है। अब हर व्यक्ति को 2048 KW घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा ज़रूरतें पूरी हो रही हैं।

  • परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में NTPC ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4200 MW की परमाणु ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी।
  • थर्मल पावर सेक्टर में अडानी पावर 66,720 करोड़ रुपये खर्च करके कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 MW के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाएगी। जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 MW बिजली बनाने के लिए 12,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जबकि सारदा एनर्जी रायगढ़ में 660 MW क्षमता के प्लांट के लिए 5,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा सरकारी कंपनियां NTPC और CSPGCL 41,120 करोड़ रुपये की लागत से 4500 MW बिजली बनाएंगी।

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता, जिंदल पावर और NTPC ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपए खर्च करके 2500 MW सौर ऊर्जा का उत्पादन करेंगे। इसमें डोलेसरा में 500 MW और रायगढ़ में 2000 MW के सोलर प्लांट शामिल होंगे।

किसानों के लिए भी अच्छी खबर है, पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपये की लागत से 675 MW सौर ऊर्जा पैदा की जाएगी और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंप की जरूरत कम होगी।

  • इसके अलावा 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8700 MW क्षमता की पंप स्टोरेज परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी। इसमें SJN कोटपाली में 1800 MW की परियोजना और जिंदल रिन्यूएबल की 3000 MW की परियोजना शामिल है।

इन सभी निवेशों के माध्यम से छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में से एक बन जाएगा। इससे उद्योगों, किसानों और आम लोगों को लाभ होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।


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